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अभिव्यक्ति और भावनाओं को तलाशने का शक्तिशाली माध्यम है ‘कला’

( विश्व कला दिवस पर विशेष)

कला हमेशा से ही अभिव्यक्ति और भावनाओं को तलाशने का एक शक्तिशाली माध्यम रहा है।दुनियाभर में आज यानी 15 अप्रैल को वर्ल्ड आर्ट डे (विश्व कला दिवस) मनाया जा रहा है। कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को हर साल 15 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन लोगों को कला के प्रति जागरूक किया जाता है। कला हमेशा अभिव्यक्ति और भावनाओं को तलाशने का एक शक्तिशाली माध्यम रहा है।विश्व कला दिवस ललित कलाओं का एक अंतरराष्ट्रीय उत्सव है जिसे अंतर्राष्ट्रीय संस्था ऑफ आर्ट द्वारा दुनिया भर में रचनात्मक गतिविधि के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए हर साल मनाया जाता है। इस दिन को एक स्वतंत्र और शांतिपूर्ण दुनिया बनाने के लिए कला को बढ़ावा देना एक माध्यम के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि यह कलात्मक अभिव्यक्तियों की विविधता के बारे में अधिक जागरूकता को प्रोत्साहित करता है और स्थायी विकास के लिए कलाकारों की भूमिका को भी उजागर करता है।

आज के इस तनावपूर्ण माहौल में विश्व कला दिवस हम सबके लिए बहुत अधिक महत्व रखता है क्योंकि विश्वभर के लोग इस समय तनाव और अकेलेपन से जूझ रहे हैं। कला लोगों को डिप्रेशन से निपटने में मदद करता है। विश्व कला दिवस यूनेस्को द्वारा समर्पित एक दिन है। विश्व कला दिवस 2019 में यूनेस्को के सामान्य सम्मेलन के 40वें सत्र में घोषित किया गया था।कला में रूची रखने वालों को आज के दिन अपनी कला दिखाने का मौका दिया जाता है।दुनिया में रचनात्मक गतिविधि के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कला संघ और यूनेस्को इसको साथ मिलकर मनाता है।

वर्ल्ड आर्ट डे पहली बार साल 2012 में 15 अप्रैल को मनाया गया था। 15 अप्रैल को इसलिए मनाया गया था क्योंकि इस दिन इटली के महान चित्रकार लिओनार्दो दा विंची की जयंती भी है। लिओनार्दो दा विंची का जन्म 15 अप्रैल 1452 को हुआ था।लिओनार्दो दा विंची इटली के महान चित्रकार थे।इनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स विश्व की सबसे चर्चित पेंटिंग्स हैं। इनके द्वारा बनायीं गई मोनालिसा पेंटिंग एक ऐसी ही चर्चित पेंटिंग है।एक शानदार चित्रकार के अलावा लियोनार्डो, वास्तु शिल्प कार , मूर्तिकार, संगीतज्ञ, इंजीनियर और वैज्ञानिक भी थे। इसीलिए उनको कला का भंडार कहा जाता है।कला दिवस के मौके पर दुनिया के तमाम कला प्रेमियों को अपनी कला को वैश्विक पटल पर दिखाने का अवसर मिलता है।

वर्ल्ड आर्ट डे का आधिकारिक सेलिब्रेशन संयुक्त राज्य अमेरिका के लॉस एंजिल्स में साल 2015 में किया गया था। वहीं साल 2017 में इस दिन को इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट ने अमेरिका में मान्यता दी।संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के मुताबिक विश्व कला दिवस को मनाने के पीछे का लक्ष्य समाज में कलात्मक अभिव्यक्तियों को दृढ़ता से एकीकृत करना है। लोगों को ये बताना है कि समाज के सतत विकास सुनिश्चित करने में कलाकारों का कितना महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसके साथ ही वर्ल्ड आर्ट डे से शैक्षणिक संस्थानों में कला को बढ़ावा मिलता है।संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यानी यूनेस्को (UNESCO) के अनुसार विश्व कला दिवस मनाने के पीछे का मुख्य लक्ष्य समाज में कलात्मक अभिव्यक्तियों को मजबूती से एकीकृत करना है। साथ ही आम जनमानस को ये संदेश देना है कि हमारे समाज के सतत विकास को सुनिश्चित करने में इन कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इसके अलावा “वर्ल्ड आर्ट डे” के माध्यम से तमाम शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक संस्थानों में कला के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है।कला दुनिया भर के सभी लोगों के लिए रचनात्मकता, नवाचार और सांस्कृतिक विविधता का पोषण करती है और ज्ञान साझा करने व जिज्ञासा तथा संवाद को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

वर्ल्ड आर्ट डे, उन सभी हुनर मंदो को एक साझा मंच पर एकजुट करता है जो किसी न किसी कला कौशल में माहिर हैं। इसके अलावा कला दिवस उन सभी कला प्रेमियों को अपना हुनर तराशने का अवसर देता है जो परिस्थितिओं वश मौका न मिलने से कही न कही पीछे छूट गए हैं।इस लिहाज से यह कहना सार्थक है कि विश्व कला दिवस दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने और सौंदर्यशास्त्र के माध्यम से एक बेहतर दुनिया बनाने की अवधारणा को आगे बढ़ाने के बारे में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

डॉ.पवन शर्मा

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