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हद कर दी आपने

“अरे स्वति सुन तेरे लिए बड़ा ही अच्छा लड़का ढूढ़ा है बिटिया हलवाई है हलवाई बड़ा अच्छा कमा लेता है, यह ले फोटो देख।” अम्मा ने बड़ी प्रसन्नता से स्वाति को यह खुशखबरी दी। उत्सुकतावश फोटो को अम्मा से लेकर देखते ही गुस्से से लाल पीली होती स्वाति बोली “अम्मा यह तो बुढढा है कम…

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हिन्दुस्तान

देश हमारा जान से प्यारा, प्यारी मिट्टी हिन्दुस्तान की। आंच न आने देंगे इसपर, कसम है अपने जान की। देश -प्रेम से ओतप्रोत है , देश का मेरे हरइक वासी। करते हम सम्मान सभीका, पहचान है हिन्दुस्तान की ‌। आन पर आये बात अगर , फिर खैर नहीं शैतान की। भारतमां के चरणों में हम,…

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” आजादी एक सपना है।”

आजादी आज भी एक परिकल्पना है।  स्वतंत्र भारत अब भी बस एक सपना है। गुलामी अब अंग्रेजों की नहीं है बे रोजगारी और भ्रष्टाचार की है।     कश्मीर की है, लद्धाख की है    क्रंदन करते यू पी और बिहार की है। आजादी की लड़ाई में आंदोलन और कुर्बानी में।     आजाद भारत वो नवयुवक…

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आज़ादी के बाद कितने आज़ाद

अब हमें 74वें स्वतंत्रता दिवस पर इस बात का गहनता से विचार करना है कि आज तक कितना स्वरूप बदला,बदला भी है, तो दिशा सकारात्मक है क्या? इतनी अधिक जनसंख्या औऱ विविधता से भरे राष्ट्र में सबको साथ ले कर चलना,सब को बराबर मान-सम्मान देना,किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे,इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी…

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मैं बदलूँ तो बदले समाज

आज मनुष्य का जीवन हर प्रकार से त्रस्त और असुरक्षित है।पेट भरने को भोजन नहीं है,कितनीही आशंकाओं के बीच जी रहे हैं और हर ओर सेमनुष्य का शोषण औरउत्पीड़न हो रहा है।ऐसीपरिस्थिति में आदमी के पास केवल एक ही विकल्प बचा है कि वह व्यवस्था को बदल डाले।आज लगभग पूरा विश्व ही कोरोना महामारी की चपेट…

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आज अयोध्या में भूमि पूजन है

डॉक्टर सुधीर सिंह आज अयोध्या में भूमि पूजन है,आइए!मिलकर खुशियां मनाएं.अवधनगरी की पवित्र माटी को,शुद्ध हृदय से हमसब नमन करें. नई दुलहन सीअयोध्या सजी है,दीपावली सा महोत्सव है सर्वत्र.संपू्र्ण भारत आज  झूम रहा है,जय क्ष्रीराम की गूँज सब जगह. यशस्वी प्रधान मंत्री के हाथों से,राम मंदिर का शिलान्यास होगा.दुनिया भर में रामराज का झंडा,एकदिन हिंदुस्तान…

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मित्रता दिवस पर सखी को समर्पित कविता

मंजू लता हे ! सखी फ़िर कब मिलेंगेयाद आती हैं तुम्हारीखोजती हैं आंखे तुम्हारी चंचलतातुम्हारे कोमल अधरों की मुस्कुराहट हे ! सखी फ़िर कब मिलेंगेखोजती हैं मेरी आंखे तुम्हारा भोलापनमेरा रूठना तुम्हारा मनानासाथ ही डेरी मिल्क गिफ्ट करना हे ! सखी फ़िर कब मिलेंगेयाद आती हैं क्लास की बातेएक दूसरे में खोकर खाली पीरियड मेंबाते…

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कच्चे धागों का पक्का बंधन रक्षाबंधन का त्योहार

डॉक्टर सुधीर सिंह कच्चे धागों का पक्का बंधन रक्षाबंधन का त्योहार,पूजा की थाली में राखी बहन का  है अनुपम प्यार. भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक यह पावन पर्व,वर्ष में एक बार आता है भाई-बहन का यह उत्सव. ससुराल में बस गई बहना करती  भैया का इंतजार,रेशम की डोरी में लिपटा है बहन काअनमोल प्यार….

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आओं स्वस्थ्य बनाए

सुनसान राहें पंछियों का कोलाहल दुबके इंसान घरों में मुंडेर पर बोलता कौआ अब मेहमान नही आता संकेत लग रहे हो जैसे मानों भ्रम जाल में हो फंसे। नही बंधे झूले सावन में पेड़ों पर उन्मुक्त जीवन बंधन हुआ अलग अलग हुए अनमने से विचार बाहर जाने से पहले टंगे मन में भय से विचार।…

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जीवन

एक जमाना बीता-सा लगने लगा है। यह समंदर रीता-सा लगने लगा है।। मुझको हर पल हारना लगाता अब अच्छा। यह जहां जीता-सा लगने लगा है।। हरपल देती अग्निपरीक्षा, सत्य की मैं। अब यह जीवन सीता-सा  लगने लगा है।। जो भी आया कुछ सिखाने के सबब से। हर कोई उपदेश गीता-सा  लगने लगा है।। टेढ़े-मेढ़े जिंदगी…

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