
कविता और कहानी
ये पब्लिक है, सब जानती है
ये पब्लिक,ये जनता सब जानती है, जनता ही जनार्दन है,लोकतंत्र के महापर्व में जनता जनार्दन की भूमिका सर्वोपरि होती है। जनता जनार्दन ने भाजपा व कांग्रेस को उसकी औकात बता दी,पर दोनों पार्टियों के नेता हार के बावजूदअपनी अपनी डफली बजा रहे है,न जाने कैसे अभी से भूल गए करारी हार का सदमा!नैतिकता व शुचिता…
जरूरी है (गजल)
शंकाओं का शमन जरूरी है। आतंकों का दमन जरूरी है। आगे बढ़कर करें इसे संभव। दुनिया भर में अमन जरूरी है। श्रम से सींचें सभी इसे मिलकर। अपना सुरभित चमन जरूरी है। दुष्टों को तो सबक सिखाना है। पूज्यों के प्रति नमन जरूरी है। कलियुग ने तो किए बहुत करतब। सतयुग का आगमन जरूरी है।
सहयोग की भावना आध्यात्मिक वरदान है
डॉक्टर सुधीर सिंह एक-दूसरे की हिफाजत में सब सजग रहें,सहायता करने में हम हमेशा ही आगे रहें.संकट से तब कोई इंसान नहीं घबड़ायेगा,विपत्ति का सामना सब मिलकर करते रहें.सहयोग व्यक्ति को शक्ति प्रदान करता है,उत्साह व उमंग का सृजन करता रहता है. व्यक्ति का व्यक्तित्व संवरता है सहयोग से,सद्भावना राष्ट्र को सदा एकजुट रखता है.सहयोग…
बारीश कि बूंदें
मनीषा गुप्ता ‘मिशा’ छ्त पर पड़ती बारिश की बूंदे आज जैसे फिर राज को अतीत कि तरफ़ खींच रही थी। एक एक बुदं राज के दिल पर नश्तर कि तरह चुभ रही थी । बरसो जिन बुदों से पीछा छुड़ा कर वो भाग रहा था आज वक्त ने फिर उसको उसी जगह आने को मजबुर…
कौन बने शिव ?
बस्ती में अजीब सन्नाटा मरघट में कोलाहल ऐसा क्यों हो रहा जानकर भी हम सब अनजाने सद्ग्रन्थों को धरा ताक पर कर्म करें मनमाने यही दुराग्रह विष समाज में जगह-जगह पर फैला दिन-प्रतिदिन होता जाता है मानवअधिक विषैला झुलसातीं नित विष-ज्वालाएँ मानवता के तरु को कौन बने शिव? जो पी डाले सामाजिक हालाहल सभी व्यस्त…
।। देशद्रोहियों के सीने में गोली हो ।।
चारो तरफ मेरे देश भारत में देशभक्तों की टोली हो। हैं देशद्रोही जो भारत में बैठे उनके सीने में गोली हो। परमाणु बम से घातक पनपे आतंकवादी वायरस ये, जो भारत मुर्दाबाद कहे अब उनके खून से होली हो। टुकड़े गैंग अलगाववादियों को धरा से कुचल डालो, तन पर भगवा मन में राम मस्तक पर…
वक़्त लेता है परीक्षा
वक़्त लेता है परीक्षा वक़्त से आलाप कर लो, कार्य जो भी है अधूरा पूर्ण सारा कार्य कर लो, व्यर्थ कि क्यों है निराशा ख़ुद जलो दीपक की भांति, मिल न पायेगा तुम्हें कोई भी जग में तुम सा साथी! मौन सद्वृत्ति से पोषित है अगर अन्तःकरण में, हो नहीं सकती समस्या देह के जीवन…
काफल (एक सत्य कथा )
(ये बात एक सच्ची घटना पर आधरित एक सच्चा लेख है़ ! जिसको की मैने जब सुना तो इस घटना को लिखे बिना नहीं रह पाया ! वेसे तो यहाँ कई घटनाए कहानियो का रूप ले चुकी है़ ! मानकों द्वारा ये भी नहीं की कभी इस घटना को मुद्रित नहीं किया गया होगा !…
ऋतुराज
आए है ऋतुराजनंदन,करो अभिनंदन खिले खिले सब लगेंगे, होगा वन्दन।। प्रकृति नित रसपान करेगी, नये नये चोला गढेगी बढ जाएँगी सुन्दरता जब, यह परवान चढेगी ।। नव सृजित फल आएँगे, सुन्दर बाग दिखेंगे बच्चो की टोली होगी, कोयल की बोली सुनेंगे। बसंत की हर बात निराली, झूमे मन मतवाली पवन भी होती मस्त मौला खूब…