
कविता और कहानी


पीड़ा : वंदना भार्गव
सबने तुझको ठुकराई है । जब तू पास मेरे आई है ।। आजा तुझको गले लगा कर। पीड़ा आज पुरस्कृत कर दू।। साथी पाने की चाहत में । घूम रही क्यों सबके पीछे।। तुझसे भाग रहा जग सारा । आ तुझमें आकर्षण भर दूं।। अरी तिरस्कत ओ दुखियारी । आजा मेरी राज दुलारी ।। तेरी…

सिंदूर जब बारूद बनकर बरसता है,
डॉक्टर सुधीर सिंह सिंदूर जब बारूद बनकर बरसता है, पाकिस्तान तब थड़थड़ाने लगता है। भारत का सामना पाक कैसे करेगा? जो भीख मांगकर भूख मिटाता है। जिसकी आदत भिक्षाटन करने की, हिंदुस्तान को वह आंख दिखाता है। भीख की झोली खाली देख भिक्षुक, भूख से तब वह मिमियाने लगता है। दुनिया की नजर में बेनकाब…

ऑपरेशन सिन्दूर (ताटंक छ्न्द)
सेना का है शौर्य निराला, जांँबाजों की टोली है। आती जब भी बात देश की,चले खून की होली है। दुश्मन थर-थर कांँपे इनसे, बदला लेते हैं पूरा। जिसने भी छेड़ा है इनको, बना दिया उनका चूरा। बहनों का सिन्दुर है छीना,दुश्मन वह कितना पापी। सेना ने पीटा घर घुसकर, दुनिया ही उसकी नापी।। ऑपरेशन सिन्दुर…

साफ-साफ दो टूक
साफ-साफ दो टूक शब्द में कहना सबके मन भाया आज हमारे मोदी जी ने सब बापों को समझाया टेरर टॉक अब नहीं चलेगा नहीं चलेगा टॉक और ट्रेड केवल बात pok पर होगी किया फैसला सबसे ग्रेट नहीं बहेगा साथ साथ अब खून और पानी सब सुन ले मौत, जिंदगी उन पर छोड़ी जो चुनना…

तुम गए तो आंखों में शोर था,
जैसे बारिश में छुपा कोई निचला ज़ोर था, मिट्टी की ख़ुशबू से भीगी पिच पर, तुम्हारे क़दमों का अभी तक कोई असर था। तुम्हारी हर इनिंग एक कहानी थी, पसीने से भीगी वो सफ़ेद जर्सी बेमिसाल निशानी थी, भीड़ की धड़कन, टीम की जान, तुम्हारे बिना ये मैदान कुछ वीरान था। तुम गए तो तालियों…

रक्तदान शिविर
रक्तदान शिविर लगाने की तैयारी चल रही थी। छुट भैया नेता जोर शोर से प्रचार प्रसार कर रहे थे। सभी से अपील की जा रही थी कि ज्यादा से ज्यादा लोग रक्तदान करें जिससे अधिक से अधिक लोगों का जीवन बच सके। स्कूल के बच्चे पोस्टर बनाकर रैली निकालने की तैयारी कर रहे थे। नेताजी…

“गर्मी की छुट्टियों का अनोखा उपहार”
लक्ष्मी कानोडिया सूरज तप रहा था, स्कूल की घंटियाँ शांत हो चुकी थीं, और बच्चों की गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू हो गई थीं। पर इस बार, राघव, सिया, कबीर, और जोया ने तय किया कि वे अपनी छुट्टियाँ केवल खेल-कूद और मस्ती में नहीं बिताएँगे, बल्कि कुछ ऐसा करेंगे जिससे समाज को भी फायदा हो।…

उजालो की चमक में ,चमचमाना जानते हैं सब
उजालो की चमक में ,चमचमाना जानते हैं सब , अंधेरो में चमकता है, उसी को जुगनू कहते हैं ! सुगम हो मार्ग, तो फिर हौसलो की बात क्या करना , विषमताओ में जीदारी, पथिक की तोला करते हैं ! गगन भर चांदनी हो तो, भला तारो की क्या कीमत , अमावस रात में, तारों को…

आयी हैं माँ
हाथी की सवारी पर आयी हैं भवानी करने कल्याण सबकी माता रुद्राणी। चँवर डुलाओ माँ की आरती उतारो अगर कपूर संग घृत दीप जलाओ । चमके मैया के माथे मुकुट स्वर्ण का आओ जी सखी दर्शन माँ के पाओ। ममता की मूरत हैं माँ अम्बे यह मेरी आयी हैं विनती सुनने माता ब्रह्माणी। जीवन जगमग…