रसोईघर की पिटारी खोलकर देखिए तो लगता है, सारे मुहावरे भी यहीं पेट पालते रहे और फिर खिड़की के तांक-झांक करते हुए लोगों की जबान पर पहुंचे और सिर पर चढ़कर बोलने लगे। फिर उन्हें राख से मांज-मांज कर चमकाया गया और कहीं उस पर कलई की गयी और कहीं […]
Category: साहित्यकार और रचनायें
“साइंस फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग” पुस्तक का लोकार्पण
विज्ञानं भवन नई दिल्ली में इंडियन ब्रेव हार्ट्स संस्था द्वारा आयोजित सम्मान लोकार्पण समारोह में टेक्निकल प्रोफेशनल एजुकेशन इन इंडिया के डायरेक्टर डॉ प्रभाकर राव गोविन्द राव चावरे द्वारा लिखित एवं श्री रामानुज सिंह ‘सुन्दरम’ द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘साइंस फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग’ का लोकार्पण धर्माचार्य श्री सुधांशु महाराज जी, एम […]
संपादक व समाजसेवी माधुरी घोष “एशिया अवार्ड” से सम्मानित
बड़ौदा : बड़ौदा की सम्पादक व सोशल एक्टिविस्ट माधुरी घोष को रविवार13 अक्टूबर शाम गुजरात के अहमदाबाद स्थित ‘रेडक्रॉस सोसायटी’ के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित भव्य आयोजन में “अमीर सत्या फाउन्डेशन , हिसार ” द्वारा “एशिया अवार्ड” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनको हिन्दीतर प्रदेश गुजरात से उत्कृष्ठ महिला […]
भीतर दीप जगाना होगा (सम्पादकीय)
मनमोहन शर्मा ‘शरण’ (प्रधान संपादक) आप सभी को सपरिवार दीपावली, गोवर्धन, भैयादूज, छठपर्व की हार्दिक बधाई एवं मंगलकामनाएं । दिवाली, दीपों का पर्व है, अन्धकार को मात देती रौशनी के दीपों को प्रज्ज्वलित कर हम अपने आस–पास के रौशनी से जगमगा देते हैं । बम–पटाखों– फुलझड़ियों के मा/यम से अपनी […]
नरेन्द्र से नरेन्द्र मोदी ( प्रधान मन्त्री ) तक
नरेन्द्र ( एक सामान्य नागरिक ) से नरेन्द्र मोदी ( प्रधान मन्त्री ) तक ” भारत के लोकप्रिय प्रधान मंत्री को प्रेषित हैं, एक सामान्य नागरिक के परामर्श -विचार। यदि इन पर दृष्टि डाल लें तो निश्चित होगा , भारतीय विकास में एक अद्भुत चमत्कार।। सर्वप्रथम देश की सीमाओं को […]
गांधार की मचलती हवाएं -DR KAMINI KAMAYANI
प्रत्यंचा गांधार की मचलती हवाएं और /थिरकते इन्द्रधनुषी सपनों पर, अचानक वज्रपात करते/ हे / पितामह (भीष्म) तुझे तनिक भी हिचक न हुई । अपने जनक के अरमानों के लिए स्वयं की इच्छाओं का चिता जलाने वाला एक सामान्य अबला नारी के लिए क्यों इतना निर्मम, नि:क्षत्र हो गया ? […]
उम्र की सच्चाई-जय प्रकाश भाटिया
इतनी लम्बी उम्र मिली है , पर जीने का वक़्त नहीं, रिश्तों की भरमार है पर रिश्तों का अस्तित्व नहीं , चेहरे पे मुस्कान सभी के, दिल में क्या है स्पष्ट नहीं, झूठी तारीफों के पुल पर , सच्चाई का वक्तव्य नहीं, जेब की दौलत लुटवाओ तो, यारों की है […]