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हाउसिंग फॉर ऑल 2022 का लक्ष्य पूरा करने को बने अलग से मंत्रालय : केके खंडेलवाल

-चैलेंजिस फॉर हाउसिंग फॉर ऑल 2022 में बोले हरेरा चेयरमैन-रियल एस्टेट को जनता के हितों का ध्यान रखने की सलाह-अग्रवाल वैश्य समाज की ओर से आयोजित किया गया वेबीनारगुरूग्राम, 12 जुलाई। हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेरिटी अथॉरिटी (हरेरा) के चेयरमैन डा. केके खंडेलवाल ने कहा कि हाउसिंग फॉर ऑल 2022 का लक्ष्य पूरा करने के लिए अलग से मंत्रालय बनना चाहिए। मिशन मोड में इस पर काम किया जाना चाहिए, तभी हम 5 करोड़ मकान बना सकते हैं। यह बात उन्होंने रविवार को अग्रवाल वैश्य समाज की ओर से आयोजित वेबीनार में लोगों द्वारा पूछें गए सवालो का जवाब देते हुए कही। इस वेबीनार का विषय था-चैलेंजिस फॉर हाउसिंग फॉर ऑल 2022 यानी वर्ष 2022 तक देश के सभी नागरिकों को घर उपलब्ध कराने में क्या-क्या चुनौतियां हैं। हरेरा चेयरमैन डा. केके खंडेलवाल ने कहा कि देश में सबसे बड़ा फेलियर रहा है और हमने शहरों को स्लम बना डाला है। दो-चार चीजें लगाकर गांवों को आदर्श गांव का नाम दे दिया जाता है। नाम कंट्री एंड टाउन प्लानिंग हैं, लेकिन प्लानिंग का सदा अभाव रहा है। शहरों को स्लम बना दिया गया है। स्लम बनाने में ब्यूरोके्रट्स, पुलिस, राजनेता और स्थानीय विधायक का अहम रोल होता है। गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे शहरों को स्लम बनाया गया। कोरोना जैसे मामलों को स्लम ज्यादा खतरनाक बना देते हैं। इसलिए इस अवैध निर्माण के खिलाफ खड़ा होना होगा। कुछ लोग पैसा कमाने के लिए अवैध कालोनियां काटते हैं, जो कि सीधे रियल एस्टेट का बिजनेस प्रभावित करते हंै। इसलिए इस सेक्टर को ऐसे लोगों पर निगाह रखनी चाहिए। उन्होंने हाउसिंग फॉर ऑल 2022 पर कहा कि यह प्लानिंग बहुत बढिय़ा है। आजादी के 75वें साल में हम कुछ तो अचीव करें। खोया बहुत कुछ है। उन्होंने कहा कि वेबीनार के संयोजक एडवोकेट अभय जैन ने जिस तरह से आंकड़ों के जरिए प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण की कई राज्यों की स्थिति बताई है, उसे देखकर लगता है कि रियल एस्टेट प्रोगेसिव नहीं है। सेंक्शन से कोई मतलब नहीं है, काम बताओ कि क्या हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की अनेक योजनाएं हैं, जो कि जरूरतमंदों को घर की रिपेयरिंग से लेकर निर्माण तक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती हंै। खरीदारों के अहसासों की कदर करेंएक शेर के माध्यम से डा. खंडेलवाल ने घरों पर कहा कि-बिस्तर, तकिया, चद्दर, करवट सब बदल-बदल के देखे, सुकून की नींद मिलती है अपने घर-आंगन में। उन्होंने वेबीनार में शामिल व अन्य तरीकों से जुड़े तथा सभी रियल एस्टेट सेक्टर के लोगों से कहा कि देश के विकास में रियल एस्टेट सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान है। हिन्दुस्तान में मकान ईंट, गारा, सीमेंट से नहीं बनते, बल्कि लोगों के उन घरों से अहसास जुड़े हैं। इसलिए देश की जनता को समय से घर देकर उनके अहसासों की कदर करें। एक मकान खरीदार बिल्डर की वजह से परेशान होता रहता है। बिल्डर तो बड़े-बड़े वकील भी कर सकते हैं, लेकिन खरीदार नहीं। माना कि रियल एस्टेट के हाथ बहुत बड़े हैं, लेकिन हरेरा के हाथ भी बहुत बड़े हैं। आम आदमी के हितों का ध्यान रखें। साथ ही उन्होंने बिना किसी का नाम लिए यह भी कहा कि उन्होंने कई शिकायतों पर टॉप-10 बिल्डर्स के प्रोजेक्ट देखे हैं, जहां पर बिना बारिश के ही छतें टपकती हैं। क्योंकि वहां इंटरनल पाइन लीकेज होती हैं। यह सब कमाई के लिए गुणवत्ता के साथ समझौता करने के कारण होता है। डा. खंडेलवाल ने विश्वास के साथ उम्मीद जताई कि बेशक कोरोना महामारी फैली हो, फिर भी दीवाली तक रियल एस्टेट उभरेगा। आगे बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बहुत से बिल्डर बहुत अच्छे हैं। सभी नियम, कायदों के साथ काम करते हैं। रेरा आने के बाद काफी बदलाव आया है। बिल्डर ने खुद को बेहतर किया है।रेडप्रो डेवलपर के एमडी अर्जुन कुमार ने किया मंत्रालय बनाने का समर्थनडा. केके खंडेलवाल द्वारा हाउसिंग फॉर ऑल 2022 के लिए मंत्रालय बनाने की सलाह का समर्थन करते हुए रेडप्रो डेवेलपर्स प्रा. लि. के एमडी अर्जुन कुमार ने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर कोई तो उपलब्धि हमें दिखानी चाहिए। हालांकि कोरोना का डर है, जो कि आर्थिक स्थिति को खराब कर चुका है। उनका मानना है कि हाउसिंग फॉर ऑल का सपना दो साल लेट हो सकता है। क्योंकि हर क्षेत्र की बुरी हालत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी एक लाख करोड़ से घटकर 30 हजार करोड़ पर आ गई है। दुनिया की जीडीपी 6 प्रतिशत पर चल रही थी, आज -3 (माइनस तीन) पर आ गई है। जो कि 11 साल में सबसे निचला स्तर है। वेबीनार में एवीएस के प्रोफेशनल विंग के अध्यक्ष एडवोकेट विभोर बंसल ने मंच संचालन में भूमिका निभाई। वहीं अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने सभी अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि डा. केके खंडेलवाल ने बहुत ही सरल व सीधी भाषा में इस बात को साफ कर दिया है कि हमें देश के विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए। अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। सबसे बढिय़ा काम गुजरात ने किया : अभय जैनहाउसिंग फॉर ऑल 2022 के आंकड़े जारी करते हुए अग्रवाल वैश्य समाज के गुरूग्राम लोकसभा अध्यक्ष एवं वेबीनार के संयोजक एडवोकेट अभय जैन ने कहा कि सबसे अच्छा काम गुजरात ने किया है। गुजरात में पीएमएवाई अर्बन में 6.50 लाख घर सेंक्शन हुए, जबकि 3.73 लाख बना दिए। आंध्रप्रदेश में 20 लाख सेंक्शन व 3 लाख बनाए, यूपी में 15 लाख सेंक्शन व 4 लाख बनाए, मध्य प्रदेश में 7.84 लाख सेक्शन व 3.14 लाख बनाए, हरियाणा में 2.67 लाख सेंक्शन व 21 हजार बनाए हैं। ग्रामीण स्तर पर एमपी में 14 लाख में से 13 लाख बनाए हैं। पश्चिम बंगाल में 14 लाख में से 13 लाख, यूपी में 12.82 लाख में से 12.41 लाख और हरियाणा में 21502 सेंक्शन ग्रामीण घरों में से 12 हजार बनाए गए हैं। शहरी की बजाय ग्रामीण स्तर पर स्थिति अच्छी है।   वेबीनार से जुड़े ये मुख्य लोगइस वेबीनार से बाबू राम गुप्ता, सुरेश गुप्ता, गोपाल दास, दिनेश सी गुप्ता, संतोष मंगल, अग्रवाल वैश्य समाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एमपी जैन एडवोकेट, महासचिव राजेश सिगला, केके सिंघानिया, प्रहलाद खन्डेलवाल, अमित के जैन, विजय डाटा, अनुराग गर्ग, आरके चौरसिया, रुबि अग्रवाल, अग्रवाल वैश्य समाज की महिला प्रदेशाध्यक्ष सुशीला सर्राफ, युवा अध्यक्ष नवदीप बंसल, चुनाव समन्वय समिति के अध्यक्ष विकास गर्ग, छात्र अध्यक्ष वेदप्रकाश गर्ग समेत अनेक लोग जुड़े। फेसबुक पर इसका लाइव प्रसारण किया गया।

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