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वारिष्ट साहित्यकार श्रीमती सविता चड्ढा की कलम से (अनुभव-4)

हम एक ही कार्यालय में काम करते थे । मैं प्रबंधक के रूप में कार्य कर रही थी और मेरी ड्यूटी थी 10:15 पर मुझे उपस्थिति  रजिस्टर चीफ के कमरे में चपरासी के हाथों भिजवाना होता था । मेरे आगे रजिस्टर होता और मैं अपनी उस मित्र की प्रतीक्षा करती रहती एक 2 मिनट  तक…

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प्रकृति का रंग

Dr Rajni Yadav         प्रकृति का ये रंग लाजवाब था  इंसान घरो में कैद और बेजुबान आज़ाद था हवाएँ यू महकने लगी  कोयले पेड़ो पर चहकने लगी नदिया इतनी साफ थी  जमीन को आसमान से मिलने की आस थी जो डर अब तक मुर्गियों,मछलियों और बेजुबानो कीआंख में था उसकी झलक इंसानो में साफ़ थी यू…

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कहानी : सड़क दुर्घटना

अंधेरी रात और लगभग 9 बजे का समय, मै और मेरा बॉस (राज) उनकी कार से घर लौट रहे थे।  हम दोनों एक ही गाव के निवासी थे। वह मुझसे किराया तो नहीं लेता था परन्तु किराए की एवज में मुझे उसकी हां मे हां मिलनी पड़ती थी। उसकी झूठी तारीफ भी करनी पड़ती थी…

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लॉक डाऊन पीरियड में मैं की महामारी से खुद को बचाया जाए

(कविता मल्होत्रा ) प्रदूषित मानसिकताओं के सँक्रमण से इस तरह सोशल डिस्टेंस बनाया जाएअपने अहम का सफ़ाया कर के “मैं” की महामारी से खुद को बचाया जाए ज़रा सोचिए –कल तक समूचे विश्व के तमाम देशों में एक दूसरे पर अपना वर्चस्व क़ायम करने की होड़ लगी हुई थी, और आज अचानक सब एक दूसरे का…

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जनप्रिय प्रधानमंत्री जी की सबसे प्रार्थना है

डॉक्टर सुधीर सिंह जनप्रिय प्रधानमंत्री जी की सबसे प्रार्थना है, 3मई2020 तक लॉकडाउन में हमें रहना है. देशवासियों को भौतिक-दूरी का पालन कर, अनुशासित रहते हुए कोरोना को भगाना है. इस महामारी से जूझने वाले कर्म वीरों का, सम्मान करते हुए हृदय से पूर्ण सहयोग करें. गंभीर समस्याओं से हिंदुस्तान गुजर रहा है, सामूहिक प्रयास…

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लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा, PM मोदी ने मांगा देशवासियों का साथ

मोदी ने कहा कि सारे राज्यों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है कि लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाना पड़ेगा। इस दौरान लोगों को अपने घरों में रहना होगा। नए क्षेत्रों में कोरोना को रोकना होगा। मोदी बोले, “20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने और हर राज्य को और…

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प्यासे पंछी

***प्यासे पंछी*** वो भी तो एक ज़माना होता थाघर में हमारा चहचहाना होता थाअन्न के दाने और जल भी जबहमारे लिए भी घर में होता था…. घर में घोंसला भी बन जाता थातिनकों का महल सज जाता थानन्हें नन्हें बच्चों के कलरव सेघर गुंजायमान हो जाता था….. पर आह..!! मनुष्य ये क्या कियावृक्ष काट के…

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कोरोना को हराना है

चाहे छाये हर और सूनापन,मिलना हो जाये एक दूजे से कम। कितना भी मन घबराए,चाहे कितनी भी दहशत बढ़ती जाए।  *करना है एक ही प्रण,किसी भी तरह कोरोना को हराया जाए।*  व्यवसाय कैसे चल पाएंगे और अब कैसे बच्चे पढ़ पाएंगे। चाहे कितनी भी विपदाएं आये,घर मे मन कितना भी घबराए।  *करना है एक ही…

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कोरोना से मुक्ति के लिए जो सेवारत हैं.

Doctor Sudhir Singh कोरोना से मुक्ति के लिए जो सेवारत हैं,प्रभु उन सबों को सपरिवार स्वस्थ रखें.एक ही लक्ष्य रहे़;कोरोना मुक्त देश रहे,इसके लिए सब लोग सदा संघर्षरत रहें.‘सामाजिक – दूरी’ का पालन करते हुए,कोरोना के संक्रमण से बचकर रहना है.सबों को ‘लॉकडाउन’  सहर्ष मानते हुए,स्वयं और समाज को सुरक्षित रखना है.सबके सत्प्रयास से ही’कोरोना’…

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भयभीत ‘कोरोना’ इंसान से कहता है.

Doctor Sudhir Singh भयभीत ‘कोरोना’ इंसान से कहता है,तेरे दृढ़-संकल्प के आगे ‘मैं’ हार गया.अनोखा ही संयम और प्रबंधन है तेरा,बोरिया-बिस्तर मुझे समेटना पड़ गया. सामाजिक-दूरी व लॉकडाउन केआगे,संक्रमण काआक्रमण नाकाम हो गया.गजब का  धैर्य और एकता है तेरे पास,हमारा सब मनसूबा मिट्टी में मिल गया. अब इस  दुनिया से ही विदा हो रहा हूँ,‘सामूहिक-शक्ति’…

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