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पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर भारत ने की एयर स्ट्राइक (ऑपरेशन सिन्दूर)

भारत ने पहलगाम में पाकिस्तान के आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान में ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किये गये हैं। पहलगाम हमले का बदला भारत ने पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक से लिया है। भारतीय सेना ने भी नौ…

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मजदूर दिवस: एक दिन सम्मान, साल भर अपमान

मजदूर दिवस: एक दिन सम्मान, साल भर अपमान मजदूर दिवस केवल एक तारीख नहीं, श्रमिकों की मेहनत, संघर्ष और हक की पहचान है। 1 मई को मनाया जाने वाला यह दिन उस आंदोलन की याद है जिसने काम के सीमित घंटे, सम्मानजनक वेतन और श्रम अधिकारों की लड़ाई लड़ी। लेकिन भारत जैसे देशों में मजदूर…

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“पहलगाम में आतंकी हमला: राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय”

“पहलगाम में आतंकी हमला: राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय” प्रश्न पूछने के अवसर भी आएँगे, अभी राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय है। राष्ट्र सर्वोपरि। हाल की पहलगाम घटना में एक हिंदू पर्यटक को आतंकवादियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया। यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि भारत की…

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नेताओं की देशभक्ति की अग्निपरीक्षा, सेना में बेटा भेजो, पेंशन लो!”

भारत में एक बार विधायक या सांसद बन जाना आजीवन पेंशन की गारंटी बन चुका है, चाहे उनका संसदीय रिकॉर्ड शून्य क्यों न हो। वहीं, सीमाओं पर तैनात सैनिक हर रोज़ जान जोखिम में डालते हैं, लेकिन उनके परिवारों को न्यूनतम सुविधाएं भी संघर्ष से मिलती हैं। सवाल उठता है – क्या नेताओं की देशभक्ति…

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अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व

अक्षय तृतीया, जिसे ‘आखा तीज’ भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला एक अत्यंत पावन पर्व है। ‘अक्षय’ का अर्थ होता है—जो कभी क्षय (नाश) न हो। यही कारण है कि यह दिन शुभ कार्यों, दान-पुण्य, निवेश और नए आरंभ के लिए…

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मनुवाद से मानवता तक : हमारे शौर्य पर किसका जोर..!

पंकज सीबी मिश्रा  / पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक जौनपुर यूपी पहले परशुराम फिर संत तुलसीदास , महान चाणक्य , स्वतंत्रता के समय मंगल पांडेय , बलिदान के समय वीर चंद्रशेखर आजाद और अब राजनीति में कई ब्राह्मण जिन्होंने मनुवाद के अलख को शीर्ष तक पहुंचाया । सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ ऐसे कई विभूतियों ने…

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पहलगाम की घटना से हर भारतीय आक्रोशित :  कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

राजनीतिक सफरनामा शर्मनाक……घृणित, कायराना हमला……निःशब्द और मौन रहकर केवल उनके प्रति भावांजलि है जिनको हमने खो दिया है, ओह क्या कसूर था उनका वे तो अपने परिवार के साथ प्रकृति के अनूठे सौन्दर्य को निहारने गए थे….तुमने उनको अकारण मार दिया, धर्म की आड़ लेकर मार दिया उनके परिवार के सामने उन पर गोलियां बरसा…

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एक जन कवि – रामधारी सिंह दिनकर

(23 सितंबर, 1908-24 अप्रैल, 1974) प्राचीन काल से ही, लेखकों और कलाकारों द्वारा विपत्ति के समय मानव जाति की अदम्य भावना को रेखांकित करने के लिए वीर रस या वीर भावना को अपनाया जाता रहा है। अजेय के सामने खड़े होने के इस संघर्ष का परिणाम हर बार जीत में नहीं होता, लेकिन इसने निश्चित…

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पहलगाम की गोलियाँ: धर्म पर नहीं, मानवता पर चली थीं— प्रियंका सौरभ

कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकी हमला सिर्फ एक गोलीबारी नहीं थी—यह एक ऐसा खौफनाक संदेश था जिसमें गोलियों ने धर्म की पहचान पूछकर चलना शुरू किया। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका धर्म पूछा, फिर उन्हें जबरन कलमा पढ़ने के लिए कहा, और इंकार करने पर गोली…

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धरा  को बचाने के लिए जनभागिदारी जरुरी है- लाल बिहारी लाल

विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष (22 अप्रैल) देश दुनिया में पर्यावरण का तेजी से क्षति होते देख अमेरिकी सीनेटर जेराल्ट नेल्सन ने 7 सितंबर 1969 को घोषणा की कि 1970 के बसंत में पर्यावरण पर राष्ट्रब्यापी जन साधारण प्रदर्शन किया जायेगा। उनकी मुहिम रंग लायी और इसमें 20 लाख से अधिक लोगो ने भाग लिया।…

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