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बातों से बात नहीं बनती साहेब : सम्पादकीय

मनमोहन शर्मा ‘शरण’

श्रीकृष्ण जगत के मीत हैं,  ज्ञान भक्ति देते सदा, भक्त गा रहे गीत हैं

जी हाँ मित्रे, 30 अगस्त को पूरे भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व श्रद्धापूर्वक  मनाया है । आज पूरे विश्व में जो चुनौति भरा माहौल निर्मित हुआ है उसमें अपने कर्म को ज्ञानमय चिंतन–भक्तिमय भाव और कर्ममय व्यवहार की कसौटी पर कसकर संपादित करना पूरी मानवता को बनाए रखने के लिए अति आवश्यक है ।

          एक तरफ पहले ही ‘कोरोना’ वायरस ने जो हाहाकार मचा रखा था जिससे पूरे विश्व की क्या जनता क्या सरकार, सभी को दो–चार होना पड़ा है ।  भारत के अभी कुछ दिनों से दिल्ली सहित अनेक अन्य राज्यों में संक्रमितों की संख्या बहुत कम हो गई है पर साथ ही केरल, महाराष्ट्र आदि में इसने गति पकड़ ली है । इसलिए त्यौहार हों, कार्यक्रम अथवा पारिवारिक–सामाजिक मेल मिलाप आदि, सभी जीवन का हिस्सा हैं और हमें जीवन के साथ सभी निभाना होता है, किन्तु कोरोना गाइडलाइंस का हमें कड़ाई से अवश्य पालन करना होगा ।

          इस संकट में भी समूचा विश्व परेशानी में आ गया था । वैक्सीन आने से कुछ आशा बंधी थी किन्तु भारत जैसे देश में जहाँ अधिक जनसंख्या है, वहां वैक्सीनेशन भी चुनौती भरा कार्य था ।  संतोषजनक है कि हम आधी आबादी के लगभग का टीकाकरण कर चुके हैं ।

          अफगानिस्तान पर तालीबान का कब्जा होने से विश्व बिरादरी पर दूसरा संकट सुरक्षा /आतंक को लेकर आ खड़ा हुआ है । अफगानिस्तान की जनता में असुरक्षा का वातावरण बन गया और अपना व अपनों के भविष्य के प्रति वे आशंकित हो गये हैं । विभिन्न देशों से आतंकी घटनाएं भी सामने आने लगी हैं ।

          भारत की बात करें तो हमें अधिक चैकन्ना रहना होगा और ध्यान रहे कि देश में आपसी मेलजोल सद्भावना का वातावरण बनाकर ही बाहरी संकट से हम निपट सकते हैं । खाली बातों से बात नहीं बनती साहेब––––

          14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है और सितंबर का प्रथम पखवाड़ा या पूरे सितंबर माह में सरकारी संस्थाएं, साहित्यिक संस्थाएं अपने अपने स्तर पर हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार हेतु कार्य करते  हैं ।   आप सभी को ‘हिंदी दिवस’ की बधाई  ––––

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