चीन ने यह कैसा हथियार बनाया,
सभी दूर मौत का मातम है छाया ..
गोली ना बारूद, चीन के वूहान शहर ने,
पसीने छूटा दिए देशों में लाशों के ढेर ने,
खाँसी और जुकाम ने मौत के फरमान सुना दिए है,
अख़बार, टीव्ही, रेडीओ पर मौत की खबर ही खबर है,
अमेरिका के ट्रंप पहले तो थे बिल्कुलही बेहोश,
अब कोरोना के डर से उन्हे आ गया हैं होश,
चीन ने यह कैसा हथियार बनाया
सभी दूर मौत का मातम है छाया,
प्रधानमंत्री मोदीजी को मेरा सादर प्रणाम,
लक्ष्मण रेखा खींचकर दिल जीते तमाम,
भारत बंद कर रखा है, ना माने तो फिर खैर नही
सड़क पर बेकार मिल गया तो पुलिस के डंडे वहीं,
जेब में अगर है पास तभी सड़क पर आओ,
बेवजह घूमने में ख़तरा है वापस घर जाओ,
चीन ने यह कैसा हथियार बनाया
सभी दूर मौत का मातम है छाया,
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एक परिंदे को भी क़ैद में रखते हैं ह्म,
ख़ाता पिता रहता वह करता हैं आराम,
परिवार रहेगा खुश अगर रहोगे अंदर,
परिंदे की तरह अपने ही घर के भीतर,
कोरोना कोरोना से दूर रहना कहता टेलीफ़ोन,
मान लो मेरी बात यह ज़रूरी है रिंग टोन,
चीन ने यह कैसा हथियार बनाया
सभी दूर मौत का मातम है छाया,
यह लहर कहाँ से और क्यों है आयी,
चीख चीख कर हर शक्स पूछता भाई,
रहोगे घर में तो ही मिलेगा जीवन दान,
आज समेटो थोड़ा मुझसे भी तुम ज्ञान,
चीन ने यह कैसा हथियार बनाया
सभी दूर मौत का मातम है छाया,
— सुनील कुमार,
डी 151 नवादा हाउसिंग कॉम्प्लेक्स,
ककरोला, नई दिल्ली
Sandaar, gajab, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद जी
Bahut hi aacha likha h
कोरोना वायरस पर आपकी कविता बेहद सटीक हैं … बधाई इस रचना के लिये .. आगे और प्रयत्नशील रहें , आपकी सोच बहुत उम्दा है .. शुभकामनाएं !!
nice one
Bahut hi sunder lines likhi h bhai ji…..
Shandaar Jabardast jindabad.
Bhaut hi badhiya likha hai aapne..👏👏👌👌