उम्मीद कभी न छोड़ना । अगर कश्ती भी डूब जाती है। कुछ तो बिखरता ही है । जब आँधियाँ निरतंर आती हैं । बंदे तू मुक़ाबला कर । अपनी हिम्मत और आस से । कभी भी न डगमगाना । खुद पर अपने विश्वास से । ( किरण चावला ) Post Views: 199