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कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन 

सबका नंबर आयेगा कृपया प्रतीक्षा कीजिए वाली टैगलाइन के साथ अब उन सबके काले चिट्ठे खुल रहे जिन्होंने देश के साथ गद्दारी की है । भारत सहिष्णु देश है पर यहां रहने वाले इस अंधे सहिष्णुता का जमकर फायदा उठाते है । अबकी बारी ममता केजरीवाल और राहुल गांधी जी हिंदुत्व के अपमान के तहत विवादों में घिरे है ।  कानून और संविधान के खिलाफ लगातार जहर उगलते रहने की परंपरा चल निकली है।  हमारे देश की वर्तमान लाजवाब सरकार किसी भी गद्दार को नही बक्शेगी अब उदाहरण आजम खान है ।अब ऐसे में  चाहे वह असामाजिक कार्यकर्ता तिस्ता सीतलवाड़ हो  या फ्रॉड  बी कुमार कोई भी बचा नहीं।2002नरसंहार कांड में बिलबिलाए और बदले की भावना पर लताड़े जाने के  बाद भी याचिका में प्रमाण जुटाकर मोदी को फंसाने का कुचक्र किया गया । फर्जी और फ्रॉड न्यूज  वाले आल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबेर को  गिरफ्तार किया गया।उसी कड़ी में इजरायल दूतावास से मिली जानकारी और यूट्यूब पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर पाकिस्तानी पत्रकार की टिप्पणी पर एक्शन लिया गया उनसे सवाल जवाब किए गए हैं आगे क्या होता है समझ सकते हैं। देश की जनता इस बात को देख और समझ रही है कि खेमे के लोग कितनी ही धर्म की जिल्लत कर दें सुप्रीम कोर्ट के सहमति  के बाद अब जेल में है ।अब तो संसद में देश के खिलाफ बोले जाने वाले तल्ख़ी भरे शब्दों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।यानि मर्यादा  को गलत कहने पर अब माननीय को दंड मिलेगा । आपको याद होगा मणीशंकर अय्यर द्वारा नीच शब्द पर कितना बबाल हुआ था।मोदी जी ने इसे नीची जाति से जोड़कर देश को कांग्रेस की असलियत दिखा दी थी । बहरहाल अंसारी के मामले में जो प्रसंग सामने आया है , उनकी उस बात का जवाब है जिसमें मजहब के नौजवानों को पीएफआई से जोड़ने से जुड़ा माना जाता है ।  हामिद अंसारी  उपराष्ट्रपति पद के लिए  वे सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन के बाद दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्होंने दो लगातार पूर्ण कार्यकाल के लिए भारत में दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद संभाला है। उनके दूसरे कार्यकाल के तीन साल जो 2017 में समाप्त हुए, मोदी सरकार के समय के थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी किताब ‘बाइ मेनी अ हैपी ऐक्सिडेंट: रीकलेक्शंस ऑफ ए लाइफ’ में लिखा है कि राज्यसभा के सभापति के रूप में उन्होंने तय किया था कि कोई भी विधेयक हंगामे के बीच पारित नहीं होने देंगे।  हामिद अंसारी  को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार के दावे पर बीजेपी  ने बुधवार को अंसारी और कांग्रेस पर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल में पाकिस्तानी पत्रकार को पांच बार न्योता देकर भारत बुलाया। उन्होंने हामिद अंसारी के साथ ही कांग्रेस की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की नीतियों पर भी सवाल खड़ा किया। वहीं, हामिद अंसारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी और मीडिया का एक तबका उनके खिलाफ झूठ फैला रहा है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब हामिद अंसारी बीजेपी के निशाने पर हैं। हामिद अंसारी जब उपराष्ट्रपति पद पर थे, तब भी नरेंद्र मोदी सरकार से उनके संबंध बेहतर नहीं थे क्युकी इनकी मानसिकता कट्टर कौमी मानी जाती थी । हामिद अंसारी ने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार को न तो उन्होंने बुलाया और न ही कभी मिले हैं।

अपने विदाई समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर खुद पर की गई टिप्पणी को लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति ने अफसोस जताया था। अपनी किताब में इसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि वह पीएम की टिप्पणियों को वह परंपराओं के विपरीत मानते हैं। अगस्त 2017 में राज्यसभा के सभापति का अंतिम दिन था। उपराष्ट्रपति अंसारी ने कहा, मैंने 2012 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के हवाले से कुछ कहा था। आज भी मैं उनके शब्दों को कोट कर रहा हूं। किसी लोकतंत्र की पहचान इससे होती है कि उसमें अल्पसंख्यकों की कितनी सुरक्षा मिली हुई है। लोकतंत्र में अगर विपक्षी समूहों को स्वतंत्र होकर और खुलकर सरकार की नीतियों की आचोलना करने की इजाजत न हो तो वह अत्याचार में बदल जाती है। अंसारी ने कहा, साथ में अल्पसंख्यकों की जिम्मेदारी भी जरूरी है। उनके पास आलोचना का अधिकार है लेकिन उस अधिकार का मतलब यह नहीं है कि संसद को बाधित करें। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने विदाई भाषण में शायराना अंदाज में राज्यसभा के सदस्यों को धन्यवाद कहा। उन्होंने अपने भाषण के अंत में कहा, ‘आओ कि आज खत्म करें दास्ताने इश्क, अब खत्म आशिकी के फसाने सुनाएं हम ।

 सबसे ज़्यादा  परेशानी विपक्ष और सेक्यूलरों  की तब बढ़ी जब इंडियनअमेरिकनस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में इसी साल मानवाधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करने के मामले में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी घिर गए थे। जनवरी के महीने में मानवाधिकारों की मौजूदा स्थिति पर डिजिटल तरीके से चर्चा में भाग लेते हुए हामिद अंसारी ने हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई थी। हामिद अंसारी ने कहा कि हाल के वर्षों में हमने ऐसे ट्रेंड्स का उभार और वैसे व्‍यवहार देखे हैं जो पहले से स्‍थापित नागरिक राष्‍ट्रवाद के खिलाफ हैं और ये सांस्‍कृतिक राष्‍ट्रवाद की काल्‍पनिक व्‍यवस्‍था को लागू करते हैं। अंसारी ने यह भी दावा किया, यह वर्तमान चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार में मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने हामिद अंसारी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई राष्ट्र नहीं हो सकता है। नरेंद्र मोदी से बेहतर कोई नेता नहीं हो सकता है और हिंदुओं से बेहतर कोई दोस्त नहीं हो सकता है।  देश के लोकतांत्रिक इतिहास में इस तरह की  भावना पहली बार देखी गई जिसमें कांग्रेस मुक्त भारत को अपना उद्घोष बनाकर चुनाव जीता हो मतलब देश की जनता को कांग्रेस की हकीकत जान चुकी है ।हो सकता है शीध्र ही कांग्रेस के बड़े सेक्युलर और गद्दार  नेताओं को भी इस कड़ी में जोड़ लिया जाए और उनकी  आतंकी छवि को उजागर किया जाए फिलहाल नव निर्वाचित कांग्रेसी अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खड़गे से अपेक्षा है कि वह शीघ्र ही जेएनयू की भाषा में  जहर उगलेंगे ।

पंकज कुमार मिश्रा मीडिया कॉलमिस्ट शिक्षक एवं पत्रकार केराकत जौनपुर।

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