Latest Updates

युवाओं को संसदीय कार्यवाही को नियमित रूप से देखना चाहिए : ओम  बिरला

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज के वार्षिकोत्सव को संबोधित करते हुए देश के युवाओं से नियमित आधार पर संसदीय कार्यवाही देखने का आह्वान करते हुए कहा है कि पिछले 20 से ज्यादा वर्षों से भारत की संसद और विधान सभाओं में महिलाओं, युवाओं तथा उपेक्षित समाज की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है, उनका प्रतिनिधित्व भी बढ़ रहा है।

चुनावी प्रक्रिया में भी नागरिकों की भागीदारी बढ़ रही हैं। बिरला ने युवाओं से  संसद की कार्यवाही नियमित रूप से देखने का आग्रह किया और कहा  कि किस प्रकार जनप्रतिनिधि समस्याओं को सदन में रखते हैं और किस प्रकार राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर सदन में चर्चा होती है तथा किस प्रकार लोकतान्त्रिक संस्थाओं में सहमति-असहमति को व्यक्त किया जाता है।

उन्होंने भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में युवाओं की अधिक से अधिक सक्रिय भागीदारी की वकालत करते हुए कहा है कि सिर्फ वोट डालने से युवाओं की लोकतांत्रिक जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती, बल्कि सरकार बनने के बाद युवाओं की जिम्मेदारी है कि वो सरकार के हर निर्णय और नीतियों में भागीदारी करें। जब किसी विधेयक से पहले कोई ड्राफ्ट लाया जाता है, तो उस पर अपने सुझाव दें, विधेयक और कानूनों का अध्ययन करें और उनका विश्लेषण करें।

अपने संबोधन में आगे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि हर युवा को संविधान की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि युवाओं को अपने कर्तव्यों पर जोर देना चाहिए क्योंकि यही हमारे अधिकारों की गारंटी है।

बिरला ने आजादी के अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि इन 75 वर्षों में भारत ने प्रगति की नई ऊंचाई छुई है। आज हमारे देश को प्रगति के रास्ते पर ले जाने की जिम्मेदारी युवाओं की है। हमारे लोकतांत्रिक देश में हम किस तरीके से देश के अंदर बदलाव लाएं, देश की उन्नति के भागीदार बने, यह जिम्मेदारी भी युवाओं की है।

लोक सभा अध्यक्ष ने हर क्षेत्र में नवाचार और स्टार्ट-अप पर जोर देते हुए कहा कि खुद को आत्मनिर्भर बनाते हुए दूसरों के लिए रोजगार की व्यवस्था करने के लिए युवाओं को नवाचार का उपयोग करना जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *